Sunil Lathiya
Friday, 19 June 2015
The Gita Hindi..
अध्याय ५ शलोक १३
अन्त:करण जिसके वश में है, ऐसा सांख्य योग का आचरण करने वाला पुरुष न करता हुआ और न करवाता हुआ ही नव द्वारों वाले शरीर रुप घर में सब कर्मों को मन से त्याग कर आनन्द पूर्वक सच्चिदानन्दधन परमात्मा के स्वरूप में स्थित रहता है ।। १३ ।।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment