Sunil Lathiya
Wednesday 27 May 2015
कविता सागर
जी भर क देखू तुझे अगर गवारा हो .
बेताब मेरी नज़रे हो और चेहरा तुम्हारा हो .
जान की फिकर हो न जमाने की परवाह .
एक तेरा प्यार हो जो बस तुमारा हो!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment